स्टोरी : जिम्मेदार कौन.. ?
उत्तर प्रदेश कांग्रेस लगभग दो दशक से भी ज्यादा समय से आक्सीजन पर है और यहाँ महज उँगलियों पर गिनने भर की सीटे ही विधान सभा में सारे हथकंडे अपनाने के बाद निकाल पाती है और इसी प्रदेश में स्थित है रायबरेली और अमेठी ( अमेठी को नया जिला बनाकर प्रदेश की मुखिया ने इसका नामकरण छत्रपति शाहूजी महराज नगर कर दिया ), चूंकि रायबरेली सोनिया गाँधी का चुनाव क्षेत्र है और वो स्वयं रिकार्ड मतों से यहाँ से जीतती है तो इसका खास ख्याल रखना स्वाभाविक है और प्रदेश में भी यहाँ से सबसे ज्यादा सीटे कांग्रेस को मिलती हैं , 2007 चुनाव में सत्तारूढ़ दल BSP का यहाँ खाता तक नहीं खुला लेकिन जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है सरकारी मशीनरी प्रदेश सरकार को खुश करने के लिए नित नए हथकंडे अपना रही है .. मसलन रायबरेली के अन्दर जगह जगह लगे बोर्ड जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बताएँगे , इन बोर्डों की कहानी जानने से पहले हम ये जान लें रायबरेली को आसपास के जिलों से जोड़ने के लिए स्टेट हाईवे था और हमेशा उपेक्षित रहने की वजह से इनकी हालत चलने लायक नहीं थी , खस्ता हाल सड़कों के लिए 2006 में सोनिया गाँधी ने करोडो रुपैया दिया लेकिन इन पर भ्रष्टाचार हावी रहा और करोडो की सड़के बंदरबांट के चलते चंद महीनो में बह गयी, चूंकि 2007 में विधान सभा चुनाव थे लिहाजा सोनिया के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की मुलायम सरकार ने सड़क बनानेवाले ठेकेदारों और PWD अधिकारीयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया जिसमे 60 से ज्यादा इंजिनियर और ठेकेदार जेल गए कुछ आज भी फरार हैं ,इस कार्यवाही से जनता को कांग्रेस में जबरदस्त विश्वास हुआ और दो (आज की स्थित में एक सीट) छोड़ जिले की बाकी सीटे उसकी झोली में आ गयी. BSP और दूसरी पार्टियाँ चारोखाने चित्त हो गयी , कांग्रेस पार्टी का तो फायदा हुआ लेकिन सड़के जस की तस रह गयी .. खीझ कर सोनिया गाँधी ने रायबरेली को आसपास के जिलों से जोडनेवाली सडको को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया और केंद्र ने इनके बनाने के लिए धन भी भेज दिया जो अब तक लगभग 400 करोड़ हो चूका है जो अन्य जिलो की अपेक्षा काफी ज्यादा है और इसको बनाने की जिम्मेदारी NHAI और प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग की होती है .. जिले से निकली हर सड़क वैसे तो बननी बहुत तेजी से शुरू हुई और बनाने का ठेका BSP के लोगो ने ही लिया लेकिन कुछ समय बाद जगह जगह बोर्ड टांग दिए गए जिन पर लिखा है यह सड़क भारत सरकार के अधीन है और पर्याप्त स्वीक्र्तियाँ न मिल पाने के कारण क्षतिग्रस्त है कष्ट के लिए खेद हैं - उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ..बोर्ड पर शुरू हो गई राजनीती , सभी पार्टियाँ एक दुसरे पर आरोप मढने लगी , किसी ने कहा की सोनिया विकास चाहती हैं तो केंद्र धन दे, किसी ने कहा की पिछली हर से बौखलाई BSP रायबरेली में कांग्रेस की छवि धूमिल कर विधान सभा चुनाव में इसका फायदा लेने की कोशिश कर रही है ताकि यहाँ पर भी BSP का खाता खुल सके ..जिन्हें जिता कर विधान सभा भेजा वो सरकार न होने का रोना रो रहे हैं ऐसे में प्रदेश और केंद्र की ड्रामे में फंसी रायबरेली की जनता को सुननेवाला कोई नहीं है हालत यही रहे तो विस्फोटक स्थित बन्ने में देर नहीं लगेगी .........
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