Friday, November 25, 2011

मायावती का 'फरार' मंत्री


वे सिर्फ राज्य में ताकतवर कैबिनेट मंत्री के पद पर आसीन हैं बल्कि उत्तर प्रदेश में मायावती पार्टी तंत्र को संचालित करने के लिए भी उनसे विश्वसनीय किसी व्यक्ति को नहीं मानती. नित्य प्रति वे सत्ता के गलियारों में देखे जाते हैं, पुलिस और प्रशासन उन्हें सलाम बजाकर उनका हुक्म लेती है. लेकिन अदालत का रिकार्ड यह कह रहा है कि पुलिस और प्रशासन जिस व्यक्ति को सुबह शाम सलाम बजा रही है वह एक फरार मुजरिम है जिसे अभी अदालत में हाजिर होना है. पिछले चौबीस सालों से अदालत का एक फरमान इस कैबिनेट मंत्री का पीछा कर रहा है और प्रदेश की पुलिस को स्वामी प्रसाद मौर्य ढूंढे नहीं मिल रहे हैं.

मायावती के कथित कानून के राज का इससे बड़ा सच और क्या होगा कि उनकी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं माया के अति विश्वसनीय कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या रायबरेली की एक अदालत से पिछले चौबीस सालों से फरार हैं और मायावती सरकार की जांबाज पुलिस प्रशासन प्रदेश बसपा अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को कौन कहे उनकी परछाई तक को नहीं ढूँढ़ पा रहा है। बावजूद इसके सूबे की मुखिया मायावती का मायावी दावा जारी है - ‘कानून के जरिए कानून का राज - सूबे में कानून व्यवस्था हर हाल में ......।

जी हाँ - यही कड़वी सच्चाई है - उत्तर प्रदेश की सरजमी पर मायावती के कानून के राज की ! साक्ष्यों के अनुसार - आज से ठीक चौबीस वर्ष पूर्व 30 जून 1987 को रायबरेली जनपद के थाना - डालमऊ में अग्निशमन केन्द्र के प्रधान आरक्षी रामसूरत उपाध्याय ने अपराध संख्या 110/1987 धारा 147, 148, 149, 307, 323, 332, 353, 336 एवं 427 के तहत सरकार बनाम स्वामी प्रसाद मौर्य व अन्य के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया था।

1987 में जनपद रायबरेली के थाना-डालमऊ में दर्ज उपरोक्त आपराधिक मुकदमा आज चौबीस वर्ष बाद भी जूडीशियज मजिस्ट्रेट-प्रथम रायबरेली के न्यायालय में वाद संख्या 831/2006 विचाराधीन है। साक्ष्यों के अनुसार जूडीशियल मजिस्ट्रेट-प्रथम के न्यायालय से जारी गैर जमानती वारंट पर जिला न्यायालय से जारी गैर जमानती वारंट पर जिला न्यायालय से निराश होकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अंततः उच्च न्यायालय में गैर जमानती वारंट के क्रियान्वयन पर रोक लगाने हेतु याचिका दायर कर दी। 26 फरवरी 2009 को उच्च न्यायालय ने इस याचिका पर सुनवाई के उपरान्त याचिका को न सिर्फ खारिज ही कर दिया बल्कि याची/अभियुक्त स्वामी प्रसाद मौर्य को अपने आदेश में निर्देशित भी किया है कि - याची/अभियुक्त स्वामी प्रसाद मौर्य 03 मार्च 2009 को अधीनस्थ न्यायालय में उपस्थित हों। बावजूद इसके उच्च न्यायालय के उक्त आदेश को जारी हुए करीब सत्ताइस महीने गुजर गए लेकिन मायावती मंत्रीमण्डल का यह गैर जमानती वारंट धारी कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज तक रायबरेली के सम्बन्धित कोर्ट में उपस्थित होने की जहमत नहीं उठाई है।

न्यायालय से फरार गैर जमानती वारंटधारी अभियुक्त न सिर्फ सत्ताधारी बहुजन समाज पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ही है बल्कि, सूबे की मुखिया मायावती के नाक का बाल, अतिविश्वसनीय कैबिनेट मंत्री भी है, बावजूद इसके उस उत्तर प्रदेश की कथित जाबांज पुलिस को जिसके विषय में यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश पुलिस दस साल पहले मर चुके मुर्दे से भी गवाही दिलाने की कूबत रखती हैं। इस प्रदेश की पुलिस यह भी सिद्ध कर सकने में सक्षम है कि - मृतक व्यक्ति ने बल्ब के होल्डर में फाँसी का फन्दा लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस सूबे की किसी छोटी-मोटी धारा में भी उसका जीना मुहाल कर सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया को भी खूँखार अपराधी करार देते हुए उस पर 50,000/- रुपये का इनाम घोषित कर सकती है, लेकिन अपनी उपरोक्त जाबांजी के बावजूद भी उसे न्यायालय से फरार गैर जमानती वारंट धारी लालबत्ती पर सवार अभियुक्त स्वामी प्रसाद मौर्य का कहीं अता-पता नहीं लग पा रहा है।

कहना गलत न होगा कि, लखनऊ से लेकर रायबरेली तक की पुलिस की इस चाटुकारिता से खिन्न होकर ही रायबरेली समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष ओ0 पी0 यादव ने पिछले दिनों उपरोक्त प्रकरण पर लिखित रूप से प्रदेश पुलिस के मुखिया कर्मवीर सिंह, मुख्य सचिव गृह एवं प्रधानमंत्री तक को अवगत कराते हुए एलान किया था कि अब रायबरेली आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य यदि पेशी के दिन न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए तो स्थानीय जनता ही अभियुक्त स्वामी प्रसाद मौर्य को जबरिया पकड़कर न्यायालय को सौंप देगी। बताया जाता है कि अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में अभियुक्त मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य आए तो जरूर लेकिन सपा नेता ओ0 पी0 यादव के ऐलान से रायबरेली पुलिस कुछ इस भयभीत थी कि - जब तक स्वामी प्रसाद मौर्य जिले की सीमा में मौजूद रहे तब तक उनके इर्द-गिर्द पुलिस छावनी ही बनी रही। अंततः स्वामी प्रसाद मौर्य अपने सरकारी कार्यक्रमों को निपटा कर एक बार फिर रायबरेली अपने सरकारी कार्यक्रमों को निपटा कर एक बार फिर रायबरेली न्यायपालिका को अंगूठा दिखाते हुए लालबत्ती से दनदनाते हुए निकल भागने में कामयाब हो गए। अब रायबरेली पुलिस एक बार फिर अभियुक्त स्वामी प्रसाद मौर्य को ढूँढ़ निकालनें में पूरी जी-जान से जुट गई है।

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